नेपालके शाक्यों कपिलवस्तु जो पहले शाक्य
गणराज्य था अब नेपाल से नेपालके काठमाण्डु पोखरा वीरगंज तानसेन बुटवल प्युठान
सुर्खेत बिभिन्न शहरों और गावंमे बसे हुये हैं । हम लोग परामपरगत रुपसे पुस्तैनी
बुद्ध धर्म मान्ते हैं । विवाह संस्कारमे हमलोगोंका विवाह शाक्य गुभाजु बज्राचार्य
के भित्तर ही होता आया हैं । वैसे तो नेवार जातीयों मे भि होता है । ब्रतबन्धमे
बौद्ध प्वज्या कियाजाता हैं । हमलोग शाक्यमुनी बुद्धके वंश मानते हैं । मातृभाषा अधिकान्श
नेवारी बोल्ते है । मृत्यु संस्कारमे हिन्दु मे १३ दिनतक नमक नहिं खाया जाताहै
लेकिन शाक्योंमे नमक खातेहैं और सात दिन मे सफेद बस्त्र लगाते हैं ४५ दिनसे १ बर्ष तक । हम शाक्यों मे लडकीयोंका ११
बरष होने तक बिधिके अनुसार बेल से बिवाह करदिया जाता है और १२ दिन तक गुफामे रख
दिया जाता हैं १२वाँ दिनमे सूरज दिखाया जाताहै ।अन्त अदमीसे विवाह होता हैं । लडका
सादीसे पहले प्रवज्या होना जरुरी होताहै । नेपालके शाक्यों कारीगरी मे सोने के
गहने व्यापार मुर्ती बनाना सिलाई से लेकर जितने भि कारीगरी है वे कर्ते हैं ।
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